*अच्छा वक़्त उसी का होता हैं...* *जो किसी का बुरा नहीं सोचते हैं...*
*श्री कृष्ण जी कहते *मत सोच की तेरा* *सपना क्यों पूरा नहीं होता* *हिम्मत वालो का इरादा* *कभी अधुरा नहीं होता* *जिस इंसान के कर्म* *अच्छे होते है* *उस के जीवन में कभी* *अँधेरा नहीं होता* ..
*इंसान अपना वो चेहरा तो* *खूब सजाता है जिस पर* *लोगों की नज़र होती है.* *मगर आत्मा को सजाने की* *कोशिश कोई नही करता* जिस पर परमात्मा की नजर होती हैं।.* *।। हरि ॐ ।।*
कि आसान रास्तों पर चलने का शौक नहीं, मुझे चुनौतियों से लड़ना बखूभी आता है। ये आंधी तूफान विपदा दुख: दर्द क्या बिगाड़ेगे मेरा, इनसे तो मेरा वर्षों वर्षों का नाता हैं।
रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी एक अच्छा जूता पहनकर उस पर चला जा सकता है। लेकिन एक अच्छे जूते के अन्दर एक भी कंकड़ हो तो एक अच्छी सड़क पर कुछ कदम चलना भी मुश्किल है। अर्थात् हम बाहर की चुनोतियों से नहीं बल्कि अन्दर की कमजोरियों से हार जाते है !