रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी एक अच्छा जूता पहनकर उस पर चला जा सकता है। लेकिन एक अच्छे जूते के अन्दर एक भी कंकड़ हो तो एक अच्छी सड़क पर कुछ कदम चलना भी मुश्किल है। अर्थात् हम बाहर की चुनोतियों से नहीं बल्कि अन्दर की कमजोरियों से हार जाते है !
*समुद्र सभी के लिए एक ही है ... पर...,* *कुछ उसमें से मोती ढूंढते है ..* *कुछ उसमें से मछली ढूंढते है ..* *और, कुछ सिर्फ अपने पैर गीले करते है..,* *ज़िदगी भी... समुद्र की भांति ही है,* *यह सिर्फ हम पर ही निर्भर करता है, कि, इस जीवन रुपी समुद्र से हम क्या पाना चाहते है, हमें क्या ढूंढ़ना है ?*
. *जिन्दगी जब देती है,* *तो एहसान नहीं करती* *और जब लेती है तो,* *लिहाज नहीं करती*
*दुनिया में दो ‘पौधे’ ऐसे हैं* *जो कभी मुरझाते नहीं* *और* *अगर जो मुरझा गए तो* *उसका कोई इलाज नहीं।* *पहला –* *‘नि:स्वार्थ प्रेम’* *और* *दूसरा –* *‘अटूट विश्वास’*
एक छोटा किराना वाला,दूध वालाऔर सब्जी वाला आज भी तुमको उधार देने को तैयार है। आज देश में पैसा नहीं चल रहा पर एक भरोसे का व्यवहार चल रहा है ।ये भरोसे का व्यवहार उन छोटे दुकानदारों पे हमेशा रखना क्यों की हम ही एक दूसरे के पूरक है ये मोल या ऑनलाइन वाले नहीं